योगी सरकार ने बुंदेलखंड के कायाकल्प की

--Advertisement--

लखनऊ, 3 जनवरी। योगी सरकार ने बुंदेलखंड के कायाकल्प की एक और पहल की है। इस पहल के तहत सरकार झांसी एवं जालौन को जोड़ने वाले एक और लिंक एक्सप्रेसवे बनाएगी।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे से जोड़ने की पहल सरकार पहले ही कर चुकी है। साल 2024 के जाते झांसी-जालौन लिंक एक्सप्रेसवे की सौगात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संकल्पना के अनुसार बुंदेलखंड के कायाकल्प का एक और जरिया बनेगी। 

झांसी-जालौन लिंक एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 115 किलोमीटर होगी। इससे डिफेंस कॉरिडोर का औद्योगिक इको सिस्टम और बूस्ट करेगा। साथ ही सरकार द्वारा झांसी और कानपुर के बीच नोएडा से भी बड़ा, झांसी के 33 गांवों को मिलाकर 36 हजार एकड़ में बनने वाले औद्योगिक शहर में भी निवेशकों का आकर्षण बढ़ेगा। इसके लिए सरकार बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के गठन का काम भी शुरू कर चुकी है। इन सबका लाभ सीधी और स्पीडी कनेक्टिविटी मिलने से लखनऊ, कानपुर, आगरा, चित्रकूट और झांसी के डिफेंस कॉरिडोर के नोड को मिलेगा।

इसी तरह 15.2 किलोमीटर वाले चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे के बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जुड़ जाने के बाद चित्रकूट के पर्यटन और इस नोड में स्थापित होने वाली डिफेंस कॉरिडोर की इकाइयों को भी खासा फायदा मिलेगा।

 मालूम हो कि चित्रकूट ही वह क्षेत्र है जहां वनवास के दौरान भगवान श्रीराम ने सीता और लक्ष्मण सहित सर्वाधिक समय गुजारा था। यहीं भरत उनको मनाने भी आए थे। ऐसे में इसका अच्छा खासा धार्मिक महत्व है। भगवान श्रीराम से जुड़े स्थलों को देखने बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु आते हैं। सरकार चित्रकूट के विकास के साथ इसे एयरपोर्ट से भी जोड़ चुकी। अब सड़क कनेक्टिविटी ठीक होने से चित्रकूट में पर्यटकों की आवाजाही और बढ़ेगी। इसका भी लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा। 

सुदृढ़ कनेक्टिविटी से ललितपुर में दो चरणों में करीब 1500 एकड़ में बन रहे फार्मा पार्क में भी औद्योगिक माहौल तेजी से बनेगा। इस पर तो तेजी से काम भी शुरू हो चुका है। इस बाबत जिन गांवों की जमीनों को चिन्हित किया गया था उनमें से करीब 70 फीसद का अधिग्रहण हो चुका है। 

करीब 1300 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला झांसी-जालौन लिंक एक्सप्रेसवे शुरू में चार लेन का होगा। भविष्य में इसे छह लेन तक विकसित किया जा सकेगा। इसमें जमीन अधिग्रहण की ही अनुमानित लागत 228 करोड़ रुपये है। सरकार इस बाबत दो किश्तों में 220 करोड़ रुपये मंजूर भी कर चुकी है।

 उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड और पूर्वांचल विकास की दौड़ में पीछे रह गए थे। इन दोनों क्षेत्रों का विकास योगी सरकार की प्राथमिकता है। इन दोनों क्षेत्रों के औद्योगिक विकास के लिए सरकार ने विशेष औद्योगिक प्रोत्साहन नीति लागू कर रखी है। इसी नाते हर योजना में जरूरत के अनुसार सरकार इन दोनों क्षेत्रों को तरजीह देती है। मसलन खेतीबाड़ी के लिए यूपी एग्रीज योजना में भी बुंदेलखंड एवं पूर्वांचल के जिले ही शामिल हैं। बुंदेखंड सोलर एनर्जी का भी हब बन रहा है। बांदा में अवाडा इंडा कंपनी द्वारा स्थापित सोलर पार्क में बिजली उत्पादन शुरू हो चुका है। झांसी, ललितपुर, चित्रकूट और जालौन में भी योगी सरकार सोलर पार्क विकसित कर रही है। इससे बिजली तो मिलेगी ही, स्थानीय स्तर पर रोजगार के मौके भी मिलेगा।

उद्योगों के अलावा बुंदेलखंड के पिछड़ेपन और इस वजह से होने वाले पलायन की समस्या की बड़ी वजह रही है पानी की कमी। सरकार लगातार खेतों और लोगों की प्यास बुझाने के लिए काम कर रही है। अर्जुन सहायक नहर जैसी बड़ी परियोजना पूरी करने के साथ इस सरकार ने करीब 5 से 6 दर्जन छोटी और मझोली परियोजनाओं को पूरा किया। केन बेतवा लिंक, जिसका हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास किया, वह भविष्य में बुंदेलखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। सिर्फ यूपी के लिए ही नहीं मध्यप्रदेश के लिए भी।/GW/

--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

--Advertisement--

Popular

More like this
Related

CM Yogi performs ‘Gausewa’

During his stay in Gorakhpur, Chief Minister Yogi Adityanath...

CM Yogi performs Rudhrabhishek, prays for the welfare of the nation

Gorakhpur, January 3, Chief Minister Yogi Adityanath and Gorakshapeethadhiswar,...

Yogi Lauded on Mahakumbh Preparations

Lucknow, (Jan1) Uttar Pradesh minister Dharmveer Prajapati said, "The...