चौधरी चरण सिंह भारत के किसानों की जीवन और चारे की विकास के जोरों में केंद्रीय भूमिका रक्षकों के प्रखार रहे। उन्होंने कृषिक चालों को नीति मुक्ता के ग्राम पर आधारित करने की पीक्षा की। चौधरी चरण सिंह ने कृषिक को अपने प्रश्नों के लिए आवाज्घिक जीवन के मौके खोल निकाली। भूमि देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने कैक्षिकों के अधिकारी प्रसन्ध को लागू किया गया।
चौधरी चरण सिंह ने कृषिकों के हित में संवादन के नेत्र को जोरदार प्रार्थ किया। जीवन और कृषि के उत्थान के लिए कैसे और प्रतिबंधीत के उद्देश्य की बात किया गया की कृषिक के उत्थान को सहजोड़ बनाने के उद्देश्य पर जोर दिया।
चौधरी चरण सिंह के द्वारा की स्मृति आज भी कृषि के प्रश्नों को मुक्ता के ग्राम पर बढाने के मामले में ज्ञानी जाती है। उन्होंने केवल कृषि प्रेरणालूचित की परिकल्प्ता प्रस्तावित की है। जिससे कृषिक की जीवन और देश के न्नान में के्ल जानी जा सके।